भागवत कथा वाचक कैसे बने ? bhagwat katha vachak kaise bane
यहाँ पर आपको संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी- भागवत कथा वाचक बनने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण उपयोगी बात बताने जा रहे हैं अगर आप इन बातों पर ध्यान देकर कार्य करेंगे तो आप अवश्य ही भागवत कथा वाचक बन सकते हैं।
भागवत कथा वाचक कैसे बने?
हम अपने सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए भक्ति की ओर बढ़कर समस्त लोगों को भक्ति भाव से जोड़ने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। भागवत कथा वाचक एक ऐसा मंच और स्थान है जिसको हम प्राप्त करने के बाद आसानी से जन-जन तक भक्ति भाव को जागृत करने में सफल बन सकते हैं इसीलिए प्रायः सभी लोगों का यह प्रश्न रहता है कि हम भागवत कथा वाचक कैसे बने।
आज हम इस लेख के माध्यम से यही जानेंगे कि किस प्रकार हम भागवत कथा वाचक बनाकर के समाज में एक अपनी अलग पहचान बना सकते हैं और लोगों को प्रभु भक्ति की ओर जोड़ने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
सर्वप्रथम हमको भागवत पुराण का अध्ययन करना होगा इसका पूरा नाम है श्रीमद् भागवत महापुराण वैसे तो श्रीमद् भागवत सप्ताहिक कथा की बहुत सी बुक्स उपलब्ध है मार्केट में, लेकिन हमको भागवत जी का सम्यक और विशेष ज्ञान लेने के लिए श्रीमद् भागवत महापुराण संस्कृत और हिंदी अर्थ वाली पुस्तक लेकर शुरू से लेकर के अंत तक दो से चार बार अध्ययन करना जरूरी है।
भागवत पुराण पुस्तक की अगर बात की जाए तो गीता प्रेस गोरखपुर में श्रीमद् भागवत महापुराणसंस्कृत हिंदी अर्थ सहित दो भागों में पुस्तक आती है लगभग ₹1000 के अंदर दोनों भाग आपको प्राप्त हो सकते हैं तो आप अपने पास के पुस्तकालय में जाकर यह दोनों भाग खरीद कर अपने घर ले आकर अध्ययन करें।
अगर आपके क्षेत्र के पुस्तकालय पर यह भागवत के दोनों खंड उपलब्ध नहीं है तो आप ऑनलाइन अमेजॉन फ्लिपकार्ट आदि वेबसाइट के माध्यम से भी घर बैठे मंगवा सकते हैं।
जब आप भागवत महापुराण के यह दोनों खंड प्रारंभ से लेकर अंत तक अध्ययन करेंगे तो आपके मन में यह जो प्रश्न था की भागवत कथा वाचक कैसे बने उसका उत्तर आपको भागवत जी के रहस्यों से भरे चरित्रों को पढ़ने के बाद प्राप्त होने लगेगा।
सजनो एक विशेष जानकारी आपको मैं बता देना चाहता हूं कि हमारी सनातन संस्कृति शुरू से ही गुरु परंपरा से प्राप्त होती चली आ रही है। आपको भागवत के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है भागवत कथा वाचक बनना चाहते हैं तो आपको जीवन में गुरु अवश्य बनाना पड़ेगा।
बिना गुरु के यह पुराणों का ज्ञान समुद्र के सामान लगता है
जिसको स्वयं पार कर पाना अत्यंत दुष्कर कार्य है लेकिन हम जब गुरु की कृपा को प्राप्त कर लेते हैं और गुरु के निर्देशों पर चलते हैं तो वह शास्त्र पुराण रूपी समुद्र को हम सहायता से पार करने में गुरु कृपा से सक्षम हो जाते हैं।
भागवत पुराण का अध्ययन करने का पहले तो एक ही माध्यम होता था , गुरुकुलु में जाकर गुरु सेवा करते हुए इसका ज्ञान प्राप्त किया जाता था। लेकिन आज के विज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में हम हम घर बैठे ही भागवत कथा का अध्ययन कर सकते हैं।
भागवत कथा वाचक बनने का संकल्प घर बैठे ही पूर्ण कर सकते हैं ऑनलाइन कक्षा लेकर विधिवत रूप से तैयारी किया जा सकता है। अगर आप ऑनलाइन भागवत पुराण कथा की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन पुराणों की तैयारी कराने वाला अब तक का सर्वश्रेष्ठ संस्थान हम आपको बता रहे हैं।
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र यह एक ऑनलाइन तैयारी कराने वाली संस्था है, जिससे जुड़कर आप भागवत कथा, शिव कथा, राम कथा, कर्मकांड, पूजन आदि की विधिवत तैयारी कर सकते हैं , ऑनलाइन कक्षा लेकर घर बैठे ही जिसका शुल्क न्यूनतम है, ज्यादा जानकारी के लिए आप राम देशिक प्रशिक्षण से संपर्क कर सकते हैं।
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र का अपना यूट्यूब चैनल भी है जहां पर सभी छात्र-छात्राओं के वीडियो अभ्यास के प्राप्त हो जाएंगे और जो इस ऑनलाइन संस्थान से सीखने के बाद कथा करना प्रारंभ कर दिए हैं उनके भी वीडियो क्लिप आपके चैनल पर प्राप्त हो जाएंगे।
अगर हम भागवत कथा वाचक बनना चाहते हैं तो हमको आत्म सुधार करना होगा, जैसे की क्रोध झूठ ईर्ष्या आदि दुर्गुणों से हमको दूर रहकर प्रभु भक्ति करते हुए इस पुराण का गहन अध्ययन करना होगा।
भागवत कथा वाचक बनने के के लिए हमको बोलने का अभ्यास विशेष रूप से करना होगा कि हम प्रथम दिवस से लेकर सात दिवस तक चलने वाली इस भागवत कथा में प्रथम दिवस कौन-कौन से प्रसंग को विधिवत रूप से बोल सकते हैं, द्वितीय दिवस कौन-कौन से प्रशंग हमको रखना है इसी प्रकार सातों दिवस के प्रसंग चित्रों को और उनके मध्य बीच-बीच बोले जाने वाले श्लोकों को हमको कंठस्थ करना होगा यानी याद करना होगा।
भागवत कथा के साथ-साथ हमको भागवत के गूढ़ रहस्यों को सामान्य जनों को समझाने के लिए कई प्रकार के दृष्टांत कहानी को कहते हुए उस चरित्र के भाव को समझाने का प्रयास करना चाहिए।
भागवत कथा वाचक कैसे बने ? bhagwat katha vachak kaise bane
भागवत कथा वाचक बनने के लिए हमको दैनिक दिनचर्या पर विशेष बल प्रदान करना होगा, सर्वप्रथम हमको ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर के भागवत जी के मोस्ट श्लोक को कंठस्थ करना होगा, इसके बाद हम डायरी नोट्स बनाकर भागवत जी के क्रमशः साथ दिवस पर बोले जाने वाले रोचक प्रसंग चरित्रों को लिखना होगा लिखने से बहुत अच्छी तैयारी होती है इसीलिए नोट्स जरूर बनाना है।
भागवत कथा वाचक बनने के लिए व्यक्तिगत साधना अति महत्वपूर्ण स्थान रखता है हमको चाहिए की नित्य प्रति ध्यान करें, प्राणायाम करें और प्रभु भक्ति करें क्योंकि ध्यान से हमारा मन एकाग्र होता है जो की भागवत जी के विविध चरित्र प्रसंग श्लोक को तैयार करने में हमारे विशेष रूप से मदद करता है।
कई बार ऐसा होता है कि हम भागवत जी पर विशेष लगाव रखते हैं और उसका हम अध्ययन भी कई बार कर लेते हैं, फिर भी मन में यह प्रश्न बार-बार उठता रहता है की भागवत कथा वाचक कैसे बने ? हमने भागवत पुराण की कई पुस्तकों को शुरू से लेकर अंत तक पढ़ा फिर भी अभी हमारे मन में वह प्रश्न बना रहता है की भागवत कथा वाचक कैसे बने।
अगर आप भागवत कथा के कई श्लोक चरित्र प्रसंग को कई बार पढ़कर के तैयार कर चुके हैं और फिर भी आपके मन में यह है प्रश्न बना हुआ है की भागवत कथा वाचक कैसे बने ? तो आप श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र संस्थान से संपर्क करके ऑनलाइन कक्षा लेकर 6 महीने में विधिवत रूप से तैयारी कर सकते हैं, अगर आपके मन में ऐसा है कि हम कक्षा ना करें तो आप श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र संस्थान से संपर्क करके भागवत कथा के केवल नोट्स बस प्राप्त कर सकते हैं।
आप श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र से भागवत कथा नोटस प्राप्त करते हैं, तो आपको क्रमशः 7 दिन पर बोले जाने वाले प्रसंग सात पीडीएफ डे बाय दे आपको कथा प्राप्त होगी, कथा के मध्य में कौन-कौन से भजन आपको बोलना है वह भजन प्राप्त होंगे, कहां पर आपको कौन सा दृष्टांत बोलना है वह दृष्टांतों का संकलन आपको मिलेगा।
और कुशल प्रशिक्षकों द्वारा आपको पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा, कॉल के माध्यम से जिससे आप बड़े ही सरलता के साथ भागवत कथा वक्ता बनने का संकल्प पूर्ण कर सकते हैं।
भागवत कथा वाचक बनने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- भगवत पुराण का अध्ययन: भागवत कथा वाचक बनने के लिए सबसे पहला कदम है भगवत पुराण का गहरा अध्ययन करना। इसमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं और धरोहरण विषयों की अच्छी समझ होनी चाहिए।
- आत्म-सुधार: भागवत कथा वाचक को आत्म-सुधार का पूर्ण समर्पण होना चाहिए। इसमें अहंकार की अभावना, शांति और सद्गुणों की प्रवृत्ति अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- विद्या अर्जित करें: अच्छे भागवत कथा वाचक बनने के लिए शिक्षा और विद्या प्राप्त करना जरूरी है। संस्कृत, भगवद गीता, और भगवत पुराण के विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करें।
- भगवद सम्मेलनों में भाग लें: आप भगवद सम्मेलनों और सप्ताहों में भाग लेकर अध्ययन का मौका प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप अनुभवी वाचकों से सीख सकते हैं और अपनी कला को सुधार सकते हैं।
- आचार्य से गुरुकुल आवंटित करें: आप किसी अनुभवी भगवत कथा आचार्य के नीचे गुरुकुल आवंटित करके भी सीख सकते हैं। गुरुकुल में रहकर आपको भगवत पुराण के सिद्धांतों का सार्थक अध्ययन हो सकता है।
- भक्ति भावना विकसित करें: भागवत कथा वाचक को भक्ति भावना से युक्त रहना चाहिए। इसमें श्रद्धा, भक्ति, और सेवा के प्रकारों का अध्ययन होना चाहिए।
- व्यक्तिगत साधना: आप व्यक्तिगत साधना के माध्यम से भागवत कथा के सिद्धांतों को अपना सकते हैं। ध्यान, प्राणायाम, और आत्म-अनुष्ठान के माध्यम से आप अपने आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि इस लेख पर दी गई जानकारी के माध्यम से आपके मन में यह जो प्रश्न था की- भागवत कथा वाचक कैसे बने इसका सम्यक रूप से उत्तर आपको मिल गया होगा, अगर इसके बाद भी आपके मन की जिज्ञासा शांत नहीं हुई और आपका प्रश्न भागवत कथा वाचक कैसे बने यह बना हुआ है तो आप कमेंट के माध्यम से हमसे और जानकारी ले सकते हैं धन्यवाद्।